जब बेंजामिन नेतान्याहु, इज़राइल के प्रधानमंत्री ने 30 अप्रैल 2025 को सीरिया के दक्षिणी हिस्से में ड्रूज़ के खिलाफ संभवित हमलों को रोकने का दावा किया, तब इज़राइल रक्षा बल (IDF) ने दमिश्क के निकट एक हवाई हमला किया। यह कार्रवाई उन हिंसा की क्रमिक लहर के बाद आई, जिसमें 20‑25 अप्रैल को जारामाना और आशरफ़िया सन्हाया मोहल्लों में ड्रूज़ समुदाय को ‘हत्याकांड’ जैसा नुकसान पहुँचाया गया था। इस हड़ताली स्थिति ने सीरियाई सुरक्षा बलों को दमिश्क के आसपास लगे कैंपों पर लक्षित कर दिया, जबकि पाँच घायल ड्रूज़ नागरिकों को इज़राइल के जेरुसेलेम‑सफ़ेद एन्क्लेव में स्थित ज़िव मेडिकल सेंटर में भर्ती कर दिया गया। खबर ने न सिर्फ सीरियाई‑इज़राइली संबंधों को उलझा दिया, बल्कि मध्य‑पूर्व में अल्पसंख्यक सुरक्षा के नए मोड़ को भी उजागर किया।
पृष्ठभूमि और ऐतिहासिक संदर्भ
ड्रूज़ एक प्राचीन धार्मिक अल्पसंख्यक हैं, जिनका इतिहास इज़राइल‑सीरिया सीमा पर कई शताब्दियों तक ‘रक्त गठबंधन’ (blood alliance) के रूप में रहा है। 1948 में इस गठबंधन के तहत ड्रूज़ को इज़राइल की सेना में भर्ती करने की अनुमति मिली, जिसके बदले में उन्हें सामाजिक मान्यता और सुरक्षा का वादा किया गया। इस तंत्र के कारण आज लगभग 20 % इज़राइली ड्रूज़ पुरुष सीधे‑संग्राम भूमिकाओं में सेवा करते हैं।
सीरिया में ड्रूज़ का प्रमुख क्षेत्र जबल‑अल‑ड्रूज़ (Jabal al‑Druze) है, जहाँ 10 अप्रैल 2025 को तारीक अल‑शौफ़ी द्वारा स्थापित सुवेदा मिलिटरी काउंसिल (SMC) ने स्थानीय रूप से सुरक्षा प्रदान करने के लिये एक सशस्त्र गुट बनाया। अल‑शौफ़ी, जो 2015 में बशर अल‑असद की सेना से विद्रोह कर चुके थे, ने कहा कि जारामाना में ‘हत्याकांड’ और सन्हाया में ‘घेराबंदी’ के पीछे सीरियाई सुरक्षा बलों के ही हाथ हैं, जबकि ड्रूज़ को मदद पहुँचाने का प्रयास भी रोक दिया गया।
30 अप्रैल 2025 का हवाई हमला
इज़राइल की आधिकारिक बयानबाजी ने बताया कि IDF ने “एक कट्टर समूह” को लक्षित किया, जो दक्षिणी दमिश्क में ड्रूज़ के खिलाफ बड़े पैमाने पर आक्रमण की तैयारी में था। इस हमले के बाद, सशस्त्र बलों के प्रमुख हर्ज़ी हालेवी, इसराइल के प्रमुख सैन्य कमान‑सिनियर, ने कहा कि यदि ड्रूज़ पर हमला जारी रहा, तो अतिरिक्त लक्ष्य—जिसमें सीरियाई सरकार के प्रमुख सुविधाएँ शामिल हैं—पर भी हमले सम्भव हैं।
वही दिन, इज़राइल के प्रमुख धर्मिक नेता शेख मोअफ़ाक़ तरिफ, जिन्होंने इसराइल के ड्रूज़ समुदाय के आध्यात्मिक प्रतिनिधि के रूप में मान्यता प्राप्त है, ने एक सैन्य समारोह में इज़राइल से “सुवैदा में हो रहे कराह को रोकें” का आह्वान किया। उनका यह वक्तव्य इस बात का प्रतिबिंब था कि इज़राइल केवल अपने भीतर के ड्रूज़ नहीं, बल्कि सीरियाई सीमा‑पार के ड्रूज़ को भी एक संवेदनशील समूह मानता है।
मुख्य पक्षों की प्रतिक्रियाएँ
सीरियाई सरकार ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह हमला “सर्वव्यापी इज़रायली दस्युता” है और उन्होंने घोषणा की कि उनका राष्ट्रीय बचाव दल (National Defense Forces) आगे भी ड्रूज़ के ‘उग्र आतंकियों’ को दबाएगा। दूसरी ओर, इज़राइल के रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने मार्च 2025 में कहा था, “हम सीरिया के कट्टर इस्लामिक शासन को ड्रूज़ से नुकसान पहुँचाने नहीं देंगे।”
जांबिया‑गालिला (Western Galilee) के कफ़र‑यासिफ जंक्शन पर 2 मई को हुई प्रोटेस्ट में कई हजार इज़राइली ड्रूज़ ने “हमारी मातृभूमि हमारी सुरक्षा है” का नारा लगाया। इस प्रदर्शन को इज़राइली संसद (Knesset) के ड्रूज़ सांसद हामद अमर और शेख मोअफ़ाक़ तरिफ ने “आंतरिक विभाजन को रोकने” के लिये “एकजुटता का संदेश” के रूप में स्वीकार किया।
क्षेत्रीय प्रभाव और विश्लेषण
- इज़राइल ने पिछले महीनों में सुवेदा और जबल‑अल‑ड्रूज़ में कई हवाई हमले किए, जिनमें सीरियाई रक्षा मंत्रालय के प्रमुख भवन और राष्ट्रपति महल शामिल हैं।
- इज़राइली जनगणना संस्थान (Israeli Democracy Institute) के अगस्त 2025 सर्वे में 44 % इज़राइली ड्रूज़ ने कहा कि इज़राइल की सीरिया में हस्तक्षेप “उचित” है।
- टर्की के राष्ट्रपति रेज़ा तिप्पे एर्दोगन ने इस फैसले को “इज़राइल की अस्थिरता को बढ़ावा” कहा और मध्य‑पूर्व में इज़राइल के “अधिनायकवादी” कदमों की निंदा की।
- हथियारों की निगरानी करने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इज़राइल इस दिशा में आगे बढ़ता रहा, तो “एक डी‑मिलिटराइज़्ड ज़ोन” (demilitarised zone) बनाकर गॉलान‑हाइट्स से जबल‑अल‑ड्रूज़ तक का बफर क्षेत्र स्थापित हो सकता है, जो इज़राइल के रणनीतिक हितों को सुदृढ़ करेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों ने बताया कि यह कदम नेत्रान्याहु के लिए घरेलू समर्थन को स्थिर रखने का एक महत्वपूर्ण हथियार हो सकता है। 2023 के अक्टूबर हमले के बाद उनकी सरकार को “भारी सैन्य जीत” की आवश्यकता थी, और ड्रूज़ की सुरक्षा को लेकर दृढ़ रुख अपनाकर वह न केवल अल्पसंख्यक समर्थन, बल्कि अंतर‑राष्ट्रीय मंच पर अपनी सुरक्षा नीति को भी मजबूत कर रहे हैं।
आगे की संभावनाएँ
आगामी हफ्तों में IDF के प्रमुख कमांडर हर्ज़ी हालेवी ने संकेत दिया कि यदि सीरिया के कई हिस्सों में “अति‑सुरक्षा” की स्थिति नहीं बदलती, तो इज़राइल अतिरिक्त हवाई हमलों की योजना बना सकता है। वहीं सीरियाई सेना ने घोषणा की कि वह “ड्रूज़ को आमने‑सामने नहीं छोड़ेंगे” और “सबसे कठोर उपाय अपनाएंगे”।
सवाल इस बात का है कि क्या इज़राइल का “डेमिलिटराइज़्ड ज़ोन” का प्रयोजन वास्तविक नीति बनेगा या यह एक अल्पकालिक सामरिक उपाय रहेगा। यदि टर्की और अन्य पड़ोसी देशों ने इस कदम को विरोध किया, तो मध्य‑पूर्व में फिर से एक नई सुरक्षा‑संधि की बातचीत शुरू हो सकती है। वर्तमान में, सभी संकेतक यह दर्शाते हैं कि ड्रूज़ की सुरक्षा, एशिया‑पैसिफिक में इज़राइल की रणनीतिक स्थिति और नेत्रान्याहु की अंदरूनी राजनीति आपस में जुड़े हुए हैं।
आश्चर्यजनक तथ्य
ड्रूज़ समुदाय का इज़राइल में लगभग 140 000 सदस्य हैं, लेकिन सीरिया में उसी नाम के 500 000 से अधिक लोग रहते हैं। इस असंतुलन ने हमेशा दोनों देशों के बीच एक “सांस्कृतिक पुल” बनाया है, जिसे अब सुरक्षा‑राजनीतिक कारणों से फिर से कसना पड़ेगा।
बार‑बार पूछे जाने वाले प्रश्न
इज़राइल ने ड्रूज़ की सुरक्षा के लिए किन कदमों की घोषणा की?
इज़राइल ने 30 अप्रैल और 1 मई को क्रमशः दो हवाई हमलों के द्वारा सीरियाई सुरक्षा बलों को निशाना बनाया, साथ ही पाँच घायल ड्रूज़ नागरिकों को ज़िव मेडिकल सेंटर में इलाज के लिये ले गया। इसके अलावा, इज़राइल ने भविष्य में अतिरिक्त लक्ष्य पर भी हमले करने की चेतावनी दी, यदि ड्रूज़ पर हिंसा जारी रही।
ड्रूज़ समुदाय की इज़राइल‑सीरिया में क्या भूमिका है?
इज़राइल में ड्रूज़ मुख्य रूप से सैन्य कर्मी के रूप में सक्रिय हैं—लगभग 20 % पुरुषों के पास सीधे‑संग्राम भूमिकाएँ हैं। सीरिया में वे जबल‑अल‑ड्रूज़ क्षेत्र में रहकर ऐतिहासिक ‘रक्त गठबंधन’ को जारी रखते हैं, जिससे दोनों देशों के बीच सामाजिक‑सुरक्षा संबंध स्थापित होते हैं।
सीरियाई सरकार ने इज़राइल के हमलों पर क्या प्रतिक्रिया दी?
सीरियाई सरकार ने इसे “इज़राइल की दस्युता” कहा और घोषणा की कि उनका राष्ट्रीय बचाव दल ड्रूज़ के खिलाफ किसी भी अति आक्रमण को सख़्ती से रोकने के लिये तैयार है। इस पर इज़राइल ने अपने रक्षा मंत्री कोरचर्स द्वारा एक और प्रतिकारात्मक योजना की घोषणा की।
इज़राइल के ड्रूज़ समर्थन के राजनीतिक असर क्या हैं?
इज़राइल के प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को घरेलू समर्थन प्राप्त करने का मंच बनाया है, विशेषकर 2023 के अक्टूबर हमले के बाद उनकी सरकार को स्थिरता चाहिए थी। एक इज़राइली जनमत सर्वे ने दिखाया कि 44 % ड्रूज़ समुदाय इन्हें “उचित” मानता है, जिससे नेत्रान्याहु को राजनीतिक मजबूती मिलती है।
भविष्य में इज़राइल‑सीरिया संबंधों पर क्या असर पड़ सकता है?
यदि इज़राइल अतिरिक्त हवाई हमलों को जारी रखता है, तो क्षेत्र में एक नई “डेमिलिटराइज़्ड ज़ोन” बन सकता है, जिससे गॉलान‑हाइट्स से जबल‑अल‑ड्रूज़ तक का बफ़र स्थापित हो सकता है। दूसरी ओर, टर्की और अन्य मध्य‑पूर्वीय nations इस कदम को विरोध कर सकते हैं, जिससे नई कूटनीतिक टकराव की संभावना बढ़ती है।