श्री गुरु नानक देव जी ने संसार को वातावरण और पवन पानी की संभाल की शिक्षा दी:- राणा के.पी. सिंह।

संबोधन करते हुए राणा के.पी. सिंह।
स्पीकर राणा के.पी. सिंह ने नंगल में 45 लाख रुपए के विकास कार्यों के रखे नींव पत्थर।
नंगल, 12 नवम्बर, मीडिया कोप्स:- श्री गुरू नानक देव जी के फलसफे ने संसार को जो रौशनी दिखाई है उसने मानवता के कल्याण में एक नई दिशा दिखाकर मानवीय जीवन के कल्याण का मार्ग खोल दिया है। उनकी तरफ से 550 वर्ष पहले वातावरण और पवन, पानी की संभाल के लिए जो संसार को रौशनी दिखाई गई थी उसने प्रकृति के अस्तित्व को बरकरार रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। इन शब्दों का प्रगटावा पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केे.पी. सिंह ने आज गुरुद्वारा घाट साहिब नंगल में आयोजित एक धार्मिक समागम को संबोधन करते हुए किया। उन्होंने प्रबंधक समिति और स्थानिय निवासियों की माँग पर लगभग 45 लाख रुपए के विकास कार्यों के नींव पत्थर भी रखे। उन्होंने कहाकि आज बहुत पवित्र दिन है जब हम श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को मना रहे हैैं। हमारे जीवन में ऐसे दिन बहुुुत भाग्य के साथ आते हैं। उन्होंने कहाकि पंजाब विधानसभा में जब श्री गुरु नानक देव जी के 550वैं प्रकाश पर्व उपलक्ष्य में विशेष सैशन बुलाया गया तो सभी ने सांझे तोर पर इकठ्ठा होकर बाबा नानक की सोच अनुसार ही सहयोग दिया जिसने समूचे पंजाब के लोगों को संसार भर में मान बक्शा। स्पीकर राणा के.पी. सिंह ने 12 लाख की लागत के साथ गुरुद्वारा घाट साहिब में दर्शनीय डियौडी का निर्माण करवाने का नींव पत्थर रखा। उन्होंने श्री गुरु तेग़ बहादुर स्कूल की इमारत में 2 कमरों के निर्माण हेतु, जिसका अनुमानित खर्चा 9 लाख रुपए है का भी नींव पत्थर रखा और लंगर हाल और स्कूल के पिछली तरफ़ दरिया की तरफ दीवार की उसारी का नींव पत्थर भी रखा जिसका पर लगभग 10 लाख रुपए ख़र्च होगा। उन्होंने गुरुद्वारा घाट साहिब स्कूल की तरफ़ पार्किंग हेतु निर्माण का भी नींव पत्थर रखा जिस पर 13 लाख रुपए ख़र्च आएगा। उन्होंने कहाकि नंगल के विकास के लिए फंड्स की कोई कमी नहीं है और लोगों की हर माँग पुरी की जाएगी। इस मौके गुरुद्वारा घाट साहिब के प्रधान जगदेव कुक्कू, महासचिव जसपाल सिंह, कुलदीप सिंह, अशोक सवामीपुर चेयरमेैन, संजय साहनी, अशोक नइयर, कुलदीप सिंह अड्डा मार्केट, अशोक पुरी प्रधान नगर कौंसिल, ए.एम.ई. युद्धवीर सिंह, ठेकेदार रजिन्दर सिंह आदि गणमान्य उपस्थित थे।
