मामला स्वां नदी में डूबे टिप्पर में हुई 2 लोगों की मौत का, पुलिस नहीं ढूंढ पाई असली गुनहगार को, तहकीकात कर जल्द ही मीडिया कोप्स करेगा गुनहगार का नाम सार्वजनिक।
मामला स्वां नदी में डूबे टिप्पर में हुई 2 लोगों की मौत का, पुलिस नहीं ढूंढ पाई असली गुनहगार को, तहकीकात कर जल्द ही मीडिया कोप्स करेगा गुनहगार का नाम सार्वजनिक।
स्वां नदी के पास छुपा कर खड़ी की गई मशीनों की फोटो।
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तीसरे दिन भी नही मिला पिंकू शर्मा का शव, पुलिस ने भलांण में हुई नजायज माइनिंग को लेकर मामला किया दर्ज।
स्वां नदी के पास छुपा कर खड़ी की गई मशीनों की फोटो।
नंगल, 27 दिसंबर, मीडिया कोप्स:- तीन दिन पहले टिप्पर सहित स्वां नदी में डूबे दो युवाओं में से सतनाम सिंह पुत्र कश्मीर सिंह वासी भल्लड़ी का शव तो मिल गया था। पर दूसरे व्यक्ति पिंकू शर्मा प्रवासी मजदूर जो के यू.पी. का रहने वाला है का शव तीसरे दिन भी नही मिला। पुलिस अब स्वां नदी में आ रहे पानी को रोक कर पिंकू शर्मा की तालाश करेगी। उधर पुलिस ने गांव भलाण में हुई अवैध माइनिंग को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ तो मामला दर्ज किया है पर तीन दिन पहले हुई दो मौतों को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। क्योंकि पुलिस द्वारा की गई 174 की कारवाई से लगता है के पुलिस इस मामले को रफा दफा करने की फिराक में है। टिप्पर सहित ढूबे दो लोगों की मौत की घटना से कई तरह के सवाल खड़े हो गए है। शायद पुलिस उन सवालों की तरफ ध्यान नही देना चाहती। पुलिस विभाग के लोग 174 की कारवाई करने के बाद अगली कारवाई के लिए तफतीश करने की दुहाई दे रही है। पर जो सामने दिख रहा सच है उसे नजर अंदाज किया जा रहा है।
गांव भलांण के मौजूदा सरपंच अमनदीप शर्मा संजू द्वारा वीडियो डाल कर जो व्यान दिए है। उनसे पुलिस की 174 की कारवाई से कई अनसुलझे सवाल पैदा हो गए। सरपंच अमनदीप शर्मा के अनुसार यहां हादसा हुआ वह जमीन गांव भलांण गांव की जमीन है और सैक्शन चार के अधीन आती है और यह जमीन माइनिंग के लिए की गई बोली का हिस्सा भी नहीं है जिसके कारण यहां पर माइनिंग नही हो सकती। दो लोगों की मौत के लिए कोई ना कोई तो जिम्मेदार है। अब पुलिस की कारवाई से जो सवाल पैदा हुए उनमें पहला यह है की क्या पुलिस ने इस बात की तफतीश नही की के मरने वाला सतनाम सिंह जो टिप्पर चला रहा था वह माइनिंग के लिए बंद क्षेत्र में क्या कर रहा था और वह टिपर किसका है। जहां पर टिप्पर ढूबा सरपंच अमनदीप के अनुसार वह जमीन गांव भलांण की सैक्शन के अधीन है, क्या यह टिप्पर वहां पर माइनिंग मट्रीयल ही लेने गया था। सूत्रों के अनुसार जब टिप्पर ढूबा वह माइनिंग मट्रीयल से भरा हुआ था। सूत्रों ने बताया के टिप्पर भर कर जब सतनाम सिंह स्वां नदी के पार मट्रीयल उतारने गया तो वह स्वां नदी में गिर गया। सुनने में आया है के जब टिप्पर भर कर गया और जहां दूसरी तरफ पहुंचना था और वहां काफी समय तक नही पहुंचा तो टिप्पर की तालाश शुरू हुई, तब जाकर पता चला के सतनाम व पिंकू जिस टिप्पर में थे वह स्वां नदी में गिर गया है। अब सतनाम व पिंकू किसके लिए माइनिंग मट्रीयल लेकर जा रहे थे और किस से लेकर आए थे। अगर पुलिस ऐसे सवालों की तफतीश करे तो यकीनन उन लोगों की पता चल सकता है जो गांव भलांण में माइनिंग करते है। अगर सरपंच अमनदीप अनुसार सैक्शन वाली जमीन में से माइनिंग हुई होगी तो गांव भलांण में नजायज माइनिंग करने वालों का पता चल सकता है। पुलिस ने वीरवार रात को अज्ञात लोगों के खिलाफ गांव भलांण में तो नजायज माइनिंग करने का मामला दर्ज कर दिया, पर क्या पुलिस हुई इन दो मौतों के पीछे के असल कारणों की तफतीश करके जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करेगी। अगर सतनाम व पिंकू गांव भलांण में नजायज माइनिंग वाले क्षेत्र में ना जाते तो शायद उनकी मौत ना होती। वह दोंनो तो किसी के लिए काम कर रहे थे। स्वां नदी के दौरा करने पर पता चला कि दिन में माइनिंग माफिया के लोग मशीने छुपा देते है, रात के समय उन मशीनों से माइनिंग करते है। जिन गांव में माइनिंग करने की अनुमती है, वहां पर स्वां नदी में नियमों के विपरीत माइनिंग हो रही है। जिस स्वां नदी को लोग पैदल चल कर पार करते थे। आज उसके किनारे पर भी जाने से डरते है। क्योंकि क्या पता माइनिंग माफिया ने कहा पर 50 फिट का गढ्डा डाला है। सरकार ने माइनिंग की खड्डे लीज पर दी है। अगर लीज वाले ही अकेले माइनिंग करें तो स्वां नदी के यह हालात ना बने। स्वां नदी में डाले गए गढ्डे का मुख्य कारण है की कुछ करेशर वाले खुद माइनिंग कर रहे है। जोकि नियमों के विरुध है। लोगों का कहना है के स्वां नदी में अगर रात के समय दौरा किया जाए, तो गांव भलांण के आस पास ही 2 दर्जन से ऊपर मशीने माइनिंग कर रही होती है जो नियमों के विरुध जाकर माइनिंग करते है। जिसके लिए माइनिंग विभाग भी जिम्मेदार है। लोगों का कहना है के अगर माइनिंग विभाग अपना काम ठीक ढंग से करे तो नजायज माइनिंग होने का सवाल ही पैदा नही होता।
क्या कहते हैं नया नांगल चौंकी के प्रभारी:-
नया नंगल चौंकी इंचार्ज सरताज सिंह ने कहाकि दूसरे व्यक्ति का शव ढूंडने में हम लगे हुए है। अभी तक शव नही मिला। अब हम स्वां नदी से पीछे से आने वाला पानी रोक कर ढूंढेगे। उन्होंने कहाकि हमने वीरवार रात को गांव भलांण की जमीन में हुई अवैध माइनिंग को लेकर मामला दर्ज किया है। हम जिनकी जमीन है उनसे पूछेगे के उन्होंने जमीन किसी को आगे दी है की खुद माइनिंग की है। वह जिन लोगों के बारे में बताएगे। उनके खिलाफ मामला दर्ज करेंगे।
क्या कहते हैं एस.आई. बलबीर सिंह:-
एस.आई बलवीर सिंह ने तीन दिन पहले स्वां नदी में ढूबे दो लोगों के बारे में की गई कारवाई के बारे में बताया के हमने धारा 174 के अधीन कारवाई की है। अभी किसी के खिलाफ मामला दर्ज नही किया है। बाकी हम तफतीश कर रहे है। जो दोषी होगा उसके खिलाफ कारवाई की जाएगी।
इस संबंध में क्या कहते हैं गांव भलान के सरपंच:-
गांव भलांण के सरपंच अमनदीप शर्मा ने कहाकि मेरे गांव की सैक्शन चार की जमीन में हो रही अवैध माइनिंग के खिलाफ मैने कई बार शिकायतें की पर मेरी किसी ने नही सुनी। स्वां नदी में अभी भी जो माइनिंग हो रही है जहां वह नाजायज है वहीं वह माइनिंग विभाग के द्वारा निर्धारित किये गए नियमों के पूर्ण तौर पर विपरीत हो रही है। 50-50 फिट गहरे गढ्डे डाले जा रहे है। जिससे भविष्य में और भी हादसे होने का खतरा है।
यहां जिक्रयोग है कि जिन सवालों को हर आम व्यक्ति समझ रहा है और जिनके जवाब क्षेत्र का हर व्यक्ति जानना चाहता है और जो सवाल पुलिस, माइनिंग विभाग, प्रशासन, और वन विभाग के अधिकारियों के शायद तहकीकात का अभी तक हिस्सा भी नहीं बन सके हैं आने वाले दिनों में मीडिया कोप्स अपने स्तर पर तहकीकात करके आम जनता के सामने हर उस सवाल का जवाब रखेगा जिसकी उम्मीद पुलिस सहित इस मामले से जुड़े हर प्रशासनिक अधिकारी से की जा रही है। सूत्रों की माने तो माइनिंग माफिया के हौंसले इतने बुलंद हैं कि वह शरेआम कहते हैं कि उन्हें अखबारों में लगी खबर या प्रशासन में हुई उनकी किसी भी स्तर पर शिकायत से कोई फर्क नहीं पड़ता। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन उनका साथ देता है जिनके लिए उनकी नियुक्ति की गई है या जिनकी रक्षा के लिए उन्हें सरकार नियुक्त करती है या फिर हर बार की तरह एक बार फिर अधिकारी चंद माइनिंग माफिया के लोगों को बचाने हेतु पुरजोर प्रयास करती है।