केंद्र सरकार द्वारा अटल भूमि-जल योजना में पंजाब को शामिल न करना पंजाब से भेदभाव की मिसाल:- विधायक रोड़ी।

विधायक जै कुष्ण सिंह रोड़ी की तस्वीर।
भाजपा के हिस्सेदार बादल परिवार द्वारा मंत्रीपद छूटने के डर से पंजाब के अहम मुद्दों पर मुंह को ताले लगाने का आरोप।
गढ़शंकर, 28 दिसंबर, मिडिया कोप्स:- आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के एन.आर.आई. सेेेल के प्रधान और गढ़शंकर से विधायक जै कृष्ण सिंह रोड़ी ने पिछले दिनों मे केंद्र सरकार द्वारा शुरू अटल भूमि-जल योजना में पंजाब को शामिल न करनें पर गहरा रोष प्रकटाया है।
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जि़क्रयोग्य है कि केंद्र सरकार ने बीते दिनों अटल भूमी-जल योजना शुरू करने का ऐलान किया है, और इस योजना के अंतर्गत देश के महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और करनाटक जैसे 7प्रदेशो में धरती के निचले पानी की स्थिति को सुधारने की योजना बनाई गई है। इस योजना के लिए 6 हज़ार करोड़ रुपए रखे गए है। इस मौके पर रोड़ी ने कहाकि देश के अनाज भंडार में सबसे बड़ा और अहम हिस्सा डालने वाले पंजाब को इस योजना में शामिल न कर केंद्र ने पंजाब के साथ सौतेली मां वाला सलूक किया है।
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उन्होंने केंद्रीय मंत्री बीबी बादल और सुखबीर बादल पर बरसते हुए सवाल किया कि केंद्र में हिस्सेदारी और भाजपा के साथ पति-पत्नी के संबंधों का राग अलापने वाला बादल परिवार केंद्रीय मंत्रीपद की कुर्सी को सलामत रखने के लिए पंजाब की जायज मांगों के संबंध में केंद्र के पास मुंह बंद करके बैठा रहता है और केंद्र के हर जायज नाजायज फ़ैसले के हक में वोट भुगताता है, और पंजाब मे आकर मात्र अखबारी बयानबाज़ी के जरिए पंजाब निवासियों को भरमाने का प्रयत्न करता रहता है। इस मौके पर रोड़ी ने कहाकि पंजाब में सिफऱ् 27 प्रतिशत क्षेत्रफल को नहरी पानी मिलता है। उस नहरी पानी का भी बहुत सारा हिस्सा इंडस्ट्रियल वेस्ट मिलने के कारण प्रदूषित हो चुका है, जबकि 73 प्रतिशत क्षेत्रफल की सिंचाई जमीन निचले पानी के साथ ही की जाती है। पंजाब में 138 ब्लाकों में से 110 ब्लाकों में पानी ख़तरनाक हद तक नीचे जा चुका है और सरकारी रिपोर्टों में इन ब्लाकों की स्थिति को नाजुक के तौर पर दिखाया गया है। ऐसी सूरत में इस महत्वपूर्ण योजना में पंजाब को बाहर रखना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होने कहाकि इस बेइंसाफ़ी के खि़लाफ पंजाब सरकार को भी अपना पक्ष अच्छी तरह पेश करना चाहिए। पंजाब सरकार पानियों के मुद्दे पर इतनी गंभीर है यह इस बात से ही दिखता है की मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पानी के प्रदूषण और जल संकट पर सर्व पार्टी मीटिंग बुलाने का ऐलान किया था परंतु उनकी ओर से आज तक मीटिंग नही बुलाई गई।
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