नंगल, 23 जनवरी, मीडिया कोप्स:- इस बार विधानसभा चुनावों में कौन से मुद्दे रहेंगे अहम। क्या इस बार मतदाता प्रदेश स्तरीय मुद्दों की बात करेगा या उनके क्षेत्र के मुद्दों पर उम्मीदवार को वोट डालेगा यह सवाल सबके जेहन में है जिसका जवाब 10 मार्च को सबके सामने आएगा। हालांकि प्रदेश स्तर पर भी राजनीतिक पार्टियों द्वारा क्षेत्रीय मुद्दों को जोड़ने का प्रयास किया गया है पर मुद्दों या मसलों की बहुतायत्ता मतदाताओं को असमंजस की स्थिति में डाले हुए है। राजनीतिक पार्टियों के वादों या दावों की बात करें तो पिछले समय को देखते हुए असंभव वादों को असंभव ही माना जा रहा है परंतु एक मौका केजरीवाल को देने की बात हो रही है। वादों की दौड़ में प्रत्येक राजनीतिक दल एक दुसरे से आगे निकलने हेतु दौड़ लगा रहा है परंतु अकाली दल के वादों पर जनता यकीन करने का मन भी बना रही है क्योंकि अकाली दल द्वारा इतिहास में अपने किए वादों को पूरा भी किया गया है। क्षेत्रीय स्तर पर मुद्दों की बात करें तो इस बार श्री आनंदपुर साहिब विधानसभा क्षेत्र में माफिया और प्रशासन की पिछले समय में चली मिलीभगत एक बड़ा मुद्दा होगा जिसपर शायद किसी भी उम्मीदवार की जीत और हार निर्भर करेगी। अवैध माइनिंग के धंदे में पुलिस द्वारा राजनीतिक इशारे पर क्षेत्र वासियों के खिलाफ जाकर अवैध माइनिंग के कारोबार में लिप्त माफिया को संरक्षण देने का जनता संज्ञान लेने के लिए तैयार बैठी है। क्षेत्र के लोगों द्वारा गठित इलाका संघर्ष कमेटी की लगातार शिकायतों के बाद भी अवैध माइनिंग का न रुकना इस मिलीभगत का प्रत्यक्ष प्रमाण था। इसके इलावा क्षेत्र के कई गांव के सरपंचों द्वारा भी लगातार इस गोरखधंधे के खिलाफ आवाज उठाई जाती रही जिसपर प्रशासन द्वारा लीपापोती की कारवाई की जाती रही जिससे सरपंचों सहित पंचायतों में रोष है जिसका सीधा असर इन चुनावों में देखने को मिलेगा। इसके इलावा अवैध माइनिंग के कारण गिरता जलस्तर भी इस बार एक अहम मुद्दा बनकर सामने आएगा और इसका खामियाजा सत्ता में रही पार्टी के उम्मीदवार को उठाना पड़ेगा। इन सबके इलावा सबसे अहम मुद्दा जो श्री आनंदपुर साहिब में चुनावी समीकरणों पर प्रभाव डालेगा वह है लोकल का। इस बार वोकल फ़ॉर लोकल के तहत घर के बेटे के समर्थन में भी लोग सामने आकर खुलकर मतदान करने का मन बना रहे हैं।
